अर्थव्यवस्था
🌾 बालाघाट की अर्थव्यवस्था
खनिज संसाधनों से समृद्ध, विकास की ओर अग्रसर
🔷 खनिज संपदा
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भारत का लगभग 80% मैंगनीज़ उत्पादन बालाघाट जिले से होता है, जिससे यह राष्ट्रीय खनिज मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान रखता है।
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मलांजखंड (Malanjkhand) में स्थित तांबे का भंडार देश का सबसे बड़ा तांबा भंडार माना जाता है।
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इसके अलावा, जिले में बॉक्साइट, काइनाइट, संगमरमर, डोलोमाइट, चूना पत्थर और मिट्टी जैसे खनिज भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
🏭 औद्योगिक और रोजगार क्षेत्र
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मलांजखंड कॉपर प्रोजेक्ट (MCP) जैसे खनन केंद्र जिले को औद्योगिक दृष्टि से पहचान दिलाते हैं।
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खनन के अतिरिक्त, कृषि आधारित लघु उद्योग, लकड़ी शिल्प, और हस्तशिल्प भी आर्थिक गतिविधियों में योगदान करते हैं।
🏞️ विकास की चुनौतियाँ
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2006 में पंचायती राज मंत्रालय ने बालाघाट को देश के 250 सबसे पिछड़े जिलों में शामिल किया।
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यह मध्यप्रदेश के 24 जिलों में से एक है जो Backward Regions Grant Fund Programme (BRGF) के अंतर्गत केन्द्र सरकार से विशेष वित्तीय सहायता प्राप्त करता है।
🌱 आर्थिक संतुलन की दिशा में प्रयास
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सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में लगातार निवेश किया जा रहा है।
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खनिज और कृषि के संतुलित उपयोग से स्थायी और समावेशी विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है।