पारंपरिक व्यंजन – चावल के आटे का पेज (Pez)
परिचय:
बालाघाट जिले में पारंपरिक और स्वास्थ्यवर्धक व्यंजनों की समृद्ध विरासत है। इन्हीं व्यंजनों में से एक है पेज, जिसे चावल के आटे और चावल के मांड से बनाया जाता है। यह हल्का, सुपाच्य और पोषण से भरपूर भोजन है, जो विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इसके नियमित सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और शरीर को ऊर्जा मिलती है।
पेज बनाने की विधि
आवश्यक सामग्री:
- 1 कप चावल का आटा
- ½ कप चावल का मांड (चावल पकाने के बाद बचा पानी)
- 2-3 कप पानी
- स्वादानुसार नमक
बनाने की प्रक्रिया:
1. चावल के आटे को भिगोना:
- 1 कप चावल का आटा लें।
- इसमें थोड़ा पानी और चावल का मांड मिलाकर गाढ़ा घोल तैयार करें।
- स्वादानुसार नमक डालें और इसे रातभर भिगोकर रखें।
- रातभर भिगोने से यह हल्का खट्टा (अम) हो जाता है, जिससे यह पाचन के लिए और अधिक लाभकारी बन जाता है।
- सुबह इस मिश्रण के ऊपर जो पानी आता है, उसे कांजी कहते हैं। यह हल्की खट्टी होती है और पाचन के लिए अत्यंत उपयोगी होती है।
2. पेज पकाने की विधि:
- सुबह एक गहरे बर्तन में 2-3 कप पानी उबालें।
- जब पानी उबलने लगे, तो धीरे-धीरे चावल के आटे का भीगा हुआ मिश्रण डालें और लगातार चलाते रहें, ताकि गांठ न बने।
- धीमी आंच पर 5-10 मिनट तक पकाएं, जब तक यह गाढ़ा न हो जाए।
3. अगले दिन के लिए मिश्रण तैयार करना:
- सुबह पेज बनाने के बाद बची हुई कांजी को फेंकने के बजाय, इसका उपयोग अगले दिन के पेज के मिश्रण को तैयार करने में करें।
- इस प्रक्रिया से पेज में एक विशिष्ट खट्टापन आता है, जो इसे और भी स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक बनाता है।
पेज के स्वास्थ्य लाभ
✅ पाचन में सहायक: हल्का खट्टा (अम) होने के कारण यह पाचन को आसान बनाता है।
✅ ऊर्जा प्रदान करता है: हल्का लेकिन पोषण से भरपूर होता है।
✅ प्राकृतिक प्रोबायोटिक: कांजी में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं, जो आंतों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं।
✅ गर्मी और सर्दी दोनों में लाभदायक: गर्मियों में ठंडा करके और सर्दियों में गर्म परोसा जाता है।
✅ बच्चों और बुजुर्गों के लिए उत्तम: यह आसानी से पचने वाला भोजन है।
निष्कर्ष:
बालाघाट जिले के पारंपरिक व्यंजनों में पेज का विशेष स्थान है। चावल के आटे, चावल के मांड और कांजी का उपयोग करके बनाया गया यह व्यंजन केवल एक भोजन नहीं, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्यवर्धक आहार है, जो पीढ़ियों से हमारे खान-पान का हिस्सा रहा है। यदि आप हल्का, सुपाच्य और पोषण से भरपूर भोजन चाहते हैं, तो इस पारंपरिक नुस्खे को अपने आहार में जरूर शामिल करें।