कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान: बालाघाट का वन्यजीव स्वर्ग
मध्य प्रदेश के बालाघाट और मंडला जिलों में फैला कान्हा राष्ट्रीय उद्यान भारत के प्रमुख वन्यजीव अभयारण्यों में से एक है। अपनी घनी हरियाली, समृद्ध जैव विविधता और प्रसिद्ध बारहसिंगा के लिए विख्यात यह उद्यान देश-विदेश के प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव उत्साहियों को आकर्षित करता है।
इतिहास और स्थापना
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1955 में हुई थी और बाद में इसे 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत शामिल किया गया। 940 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले इस राष्ट्रीय उद्यान में बाघ, तेंदुआ, हाथी, गौर, जंगली कुत्ते और अनेक प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं। यह क्षेत्र अपने विस्तृत घास के मैदानों, साल और बांस के घने जंगलों और जल स्रोतों के लिए प्रसिद्ध है।
वन्यजीव और जैव विविधता
यह राष्ट्रीय उद्यान अपनी समृद्ध वन्यजीव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का सबसे प्रमुख आकर्षण ‘बारहसिंगा’ है, जिसे यहाँ “कान्हा का गहना” भी कहा जाता है। इसके अलावा, बाघ, तेंदुआ, सियार, भालू, जंगली सुअर, हिरण और नीलगाय भी इस अभयारण्य में देखे जा सकते हैं। पक्षी प्रेमियों के लिए यह स्थान स्वर्ग के समान है, जहाँ 300 से अधिक प्रजातियों के पक्षी निवास करते हैं।
पर्यटन और सफारी अनुभव
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों के लिए जीप सफारी और एलीफेंट सफारी की सुविधा उपलब्ध है। यहाँ तीन प्रमुख पर्यटन जोन हैं:
- किसली जोन – यहाँ बाघ देखने की संभावना अधिक होती है।
- मुक्की जोन – यह क्षेत्र गौर और अन्य वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है।
- सारही जोन – यहाँ पक्षी प्रेमियों के लिए खास आकर्षण हैं।
सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सफारी का आनंद लेने का सबसे अच्छा समय होता है, जब वन्यजीव अपनी पूरी गतिविधि में होते हैं।
आकर्षण और विशेषताएँ
- सनसेट पॉइंट (बामनी डाडा): यह स्थान उद्यान के सबसे सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है।
- वन्यजीव म्यूजियम: यहाँ कान्हा के समृद्ध इतिहास और जैव विविधता से संबंधित जानकारी उपलब्ध है।
- नेचर ट्रेल्स: पैदल यात्रा के लिए भी कुछ मार्ग उपलब्ध हैं, जो पर्यटकों को प्रकृति के करीब लाते हैं।
आने का सही समय
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान पर्यटकों के लिए अक्टूबर से जून तक खुला रहता है। मार्च से मई के बीच का समय बाघ देखने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। मानसून के दौरान (जुलाई से सितंबर) यह पार्क बंद रहता है।
फोटो गैलरी
कैसे पहुंचें:
वायु मार्ग द्वारा
निकटतम हवाई अड्डा जबलपुर एवं गोंदिया है | यहाँ से सड़क मार्ग से उद्यान तक पहुँच जा सकता है |
ट्रेन द्वारा
बालाघाट रेलवे स्टेशन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जबलपुर-नैनपुर-गोंदिया खंड पर, मध्य प्रदेश के भारतीय राज्य में स्थित है। जंक्शन के माध्यम से रेल मार्गों में जबलपुर, गोंदिया, कटंगी से सतपुड़ा रेलवे मार्ग शामिल हैं. जबलपुर से बालाघाट तक के लिए 2 सीधी ट्रेन हैं। जबलपुर से बालाघाट पहुँचने में ट्रेन का न्यूनतम समय 5घंटा 27मिनट है।
सड़क के द्वारा
बालाघाट जिला मुख्यालय से कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का गेट के लिए नियमित बसें आसानी से प्राप्त कर सकते हैं