प्रदेश के अति पिछड़ी जनजाति के लोग अब राष्ट्रीय स्तर पर अपना हुनर दिखा पाएंगे उनकी प्रतिभा निखारने और संस्कृति को देशभर में उभारने के लिए बैगा ओलंपिक्स का आयोजन किया जा रहा है इसमें कई प्रदेशो के बैगा जनजाति के लोग भाग लेंगे।
विशेष पिछड़ी जनजाति के बैगा लोगो के लिए उनके पारम्परिक उपकरणों से खेलो के महाकुम्भ का आयोजन बालाघाट जिले की बैहर तहसील के साशकीय उत्कृष्ट विद्यालय के प्रांगण में ४,५,व ६ जनवरी २०२० को किया जा रहा है।
४ जनवरी से ६ जनवरी २०२० तक आयोजित इस ओलंपिक्स में छत्तीसगढ़ के राजनांदगाव ,बस्तर ,कांकेर,जगदलपुर,बिलासपुर,कवर्धा ,झारखंड के रांची और धनबाद ,आंध्रप्रदेश के आदिलाबाद ,महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ,भंडारा ,गोंदिया और वर्धा जिले में रहने वाली बैगा जनजाति के शामिल होने की संभावना है।
बैगा जनजाति के पारम्परिक खेल इस ओलंपिक्स में शामिल किये गए है। शिकारी खेल धनुषबाण ,रस्सा -कसी,मटका दौड़ ,बोरा दौड़ ,तृतांगी दौड़ ,रिले रेस ,भालाफेंक ,वजनी खेल (कुस्ती),लीपा-पोती ,कबड्डी ,खो-खो ,वालीवाल आदि प्रतियोगिता शामिल है। इसके अलावा रात में बैगा परंपरागत नृत्य करेंगे वही अन्य सांस्कृतिक आयोजन भी प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा बैगा जनजाति के पारम्परिक व्यंजनों से भी लोगो को रूबरू होने का मौका मिलेगा।
बैगा ओलंपिक्स की मशाल
बैगा ओलंपिक्स का प्रारम्भ एक विशेष मशाल को जलाकर किया जाता है। इस मशाल के साथ एक प्रचार वाहन भी रहता है। मशाल जलाकर वाहन को बालाघाट प्रसाशन द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाता है। यह मशाल विभिन्न जिलों का भ्रमण करती हुई अंत में बालाघाट के बैहर में आयोजन स्थल तक आती है। मशाल के साथ चलने वाला प्रचार वाहन जिन जिन जिलों से होकर गुजरता है वहा के बैगा जनजाति के युवक युवतियों को इन खेलो में आने और भाग लेने का निमंत्रण देता है।
बैगा जनजाति के पारंपरिक खेल
क्रमांक | खेलो के नाम |
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1 | मटका दौड़ |
2 | बोरा दौड़ |
3 | त्रिटंगी दौड़ |
4 | रिले रेस |
5 | भालाफेंक |
6 | वजनी खेल (कुस्ती) |
7 | लीपा-पोती |
8 | कबड्डी |
9 | खो-खो |
10 | वालीवाल |
11 | रस्सा -कसी |
12 | शिकारी खेल धनुषबाण |
एयरो स्पोर्ट्स और एडवेंचर स्पोर्ट
बैगा ओलंपिक्स के अवसर पर एयरो स्पोर्ट्स और एडवेंचर स्पोर्ट का भी आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में बालाघाट टूरिज़्म प्रमोशन कौंसिल ,आदिवासी विकास विभाग प्रमुख भूमिका निभा रहा है ,वही सांस्कृतिक विभाग भी इसमें सहयोग कर रहा है।
बालाघाट में हॉट एयर बैलून राइड आपको अपने बाघों के लिए प्रसिद्ध कान्हा नेशनल पार्क की उड़ान पर ले जाती है। गर्म हवा के गुब्बारे की सवारी प्राचीन जंगल का एक आकर्षक दृश्य प्रदान करती है। मौसम की अच्छी स्थिति के आधार पर सवारी उतारते हैं और आम तौर पर सुबह (लगभग 6 बजे) और शाम (लगभग 4 बजे) तक 1 घंटे तक रहता है। गर्म हवा के गुब्बारे एक बार में 8 से 11 यात्रियों को ले जा सकते हैं। यह ऑफबीट, अनुभवात्मक, और भीतर के यात्रियों के लिए अनुशंसित है ।
पैराग्लाइडिंग उड़ने वाले पैराग्लाइडर्स का मनोरंजक और प्रतिस्पर्धी साहसिक खेल है: हल्के, मुक्त-उड़ान, बिना किसी कठोर प्राथमिक संरचना के साथ पैर से लॉन्च किए गए ग्लाइडर विमान। पायलट एक फैब्रिक विंग के नीचे निलंबित हार्नेस में बैठता है। निलंबन लाइनों द्वारा विंग आकार बनाए रखा जाता है, के सामने पंख पर हवा में प्रवेश करने का दबाव, और बाहर की ओर बहने वाली वायु के वायुगतिकीय बल रहता है।
हॉट एयर बलून और पैराग्लाइडिंग खेल बैगा ओलंपिक इवेंट के दौरान उपलब्ध हैं। बैगा ओलंपिक जिला प्रशासन द्वारा बालाघाट के बैहर तहसील में आयोजित किया जाता है। बैगा ओलंपिक कार्यक्रम में कई प्रकार के पारंपरिक खेलों का आयोजन किया जाता है। इन खेलों में, बालाघाट और उसके आसपास के आदिवासी जिलों के बैगा जनजाति के प्रतियोगी भाग लेते हैं। बैगा ओलंपिक कार्यक्रम जनवरी से फरवरी के बीच आयोजित किया जाता है।
कैसे पहुंचा जाये
आप बालाघाट से बैहर के लिए आसानी से नियमित बसें प्राप्त कर सकते हैं। बैहर पहुँचने के लिए बिरवा एरोड्रोम निकटतम मार्ग है। बिरवा भारत के मध्य प्रदेश राज्य के बालाघाट जिले में बैहर तहसील का एक गाँव है। यह जबलपुर डिवीजन के अंतर्गत आता है। यह जिला मुख्यालय के बालाघाट से पूर्व की ओर 55 KM दूर स्थित है। बैहर से 2 कि.मी. राज्य की राजधानी भोपाल से 410 कि.मी.