केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र इकाई
बालाघाट जिले में कार्यरत केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र इकाई निम्न है:-
- मॉयल लिमिटेड
- ईमेल: mmbg[at]nic[dot]in
- दूरभाष: 07632 245185
- वेबसाईट: https://moil.nic.in
- लोक कल्याण के कार्य:
- कॉलोनी, स्कूल, पानी, बिजली एवं बस आदि की सुविधाः- मॉयल लिमिटेड द्वारा रहवासी कॉलोनियों, में रहने की व्यवस्था, स्कूल बस एवं स्कूल की व्यवस्था, बस सूविधा, एम्बुलेंस सुविधा, पानी, बिजली की सुविधा, पक्की सड़के एवं खेल के मैदानों की सुविधा तथा हर एक निवासरत कॉलोनियों में गार्डन इत्यादि की सुविधा प्रदान की जाती है ।
- मॉयल क्षेत्र के करीब की पंचायतों एवं गोद लिये हुये गॉंवों के लिए विशेष सुविधाएँ मुहैया करायी जाती है । जैसेः- सड़क, स्कूल, आंगनवाड़ी, पीने की पानी की सुविधा, बिजली आदि की सुविधा प्रदान की जाती है ।
- वाहन एवं लेपटॉप की सुविधाः- निवासरत श्रमिकों को वाहन ऋण सुविधा, बच्चों की शिक्षा के लिए लेपटॅाप ऋण सुविधा प्रदान की जाती है ।
- वृक्षारोपणः- मेगनीज खनन क्षेत्र के आस-पास वायु प्रदुषण रोकने हेतू वृक्षारोपण किया जाता है । काम के क्षेत्र एवं रहवासी कॉलोनियों में जल छिड़काव की व्यवस्था की गई है । कार्यक्षेत्र एवं निवासरत कॉलोनियों में नये-नये भवनों का निर्माण कर निवास के लिए आवास प्रदान किये गये है।
- भवन, रोड़ एवं नालियों के अनुदानः- कार्य के क्षेत्र में नवीनतम मशीन, नवनिर्मित भवनों का निर्माण कर कार्य में गुणवत्ता लाने के लिए नई-नई टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है । कम्पनी के सकल लाभ का 1 प्रतिशत लोकार्पण के लिये भवन, रोड़, नाली बनाने एवं जिला स्तर पर क्रियान्वित की जाने वाली योजनाओं के लिये खर्च किया जाता है ।
- बी.एस.सी. नर्सिंग का निशुल्क प्रशिक्षणः- प्रतिवर्ष 100 बालिकाओं का बी.एस.सी. नर्सिंग के लिये चुनाव किया जाता है एव बी.एस.सी. नर्सिंग कॉलेज हैदराबाद प्रशिक्षण हेतु भेजा जाता है, जिसमें उन्हें रहने, खाने, ड्रेस, पुस्तकों की सुविधा निशुल्क प्रदान की जाती है । उपरोक्त कोर्स निशुल्क प्रदान किया जाता है ।
- सी.बी.डब्ल्यु.ई. एवं स्कील डेवलपमेंट का प्रशिक्षणः- इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत सी.बी.डब्ल्यु.ई. के द्वारा श्रमिकों को प्रशिक्षित किया जाता है । प्रधानमंत्री स्कील डेवलपमेंट योजना के तहत प्रतिवर्ष 12 दिवसीय प्रशिक्षण जो कि तीन-तीन दिनों के लिए अलग-अलग समयों में प्रदान किया जाता है । जिसमें श्रमिकों के अच्छे जीवन-यापन के लिए एवं नवीन टेक्नोलॉजी में कार्य करने का प्रशिक्षण तथा सुरक्षित रहते हुये अधिकतम उत्पादन करने की कला में प्रशिक्षित किया जाता है ।
- नुक्कड़ नाटक इत्यादि दिखाकर अनुपस्थिति पर रोकः- अनुपस्थिति पर रोक लगाने के लिए नये-नये उदाहरण एवं नियमों का उद्बोधन किया जाता है । समय-समय पर नुक्कड़ नाटक द्वारा श्रमिकों में जागरूकता लायी जाती है कि वे अच्छा जीवन जिये, बच्चों को अच्छी शिक्षा दें ताकि उनका पारिवारिक जीवन खुशहाल रहे । हर एक विभाग के श्रमिकों को समय-समय पर प्रशिक्षित कर उनके विभाग के कार्यों में प्रशिक्षित किया जाता है ।
- डी.जी.एम.एस. द्वारा ट्रेड टेस्ट की प्रतियोगिताः- सुरक्षा विभाग द्वारा डी.जी.एम.एस. विभिन्न विभागों के श्रमिकों को जैसेः- इलेक्ट्रीशियन, मेकेनिकल, फीटर, टर्नर, वेल्डर, ब्लास्टर, हॉस्पीटल स्टॉफ, फर्स्ट एड समुह इत्यादि में प्रशिक्षित किया जाता है एवं गणना के आधार पर पारितोषिक दिया जाता है । दुरस्त प्रशिक्षण प्रक्रिया के अंतर्गत आवासीय प्रशिक्षण सुविधा प्रदान की जाती है, जिसमें इंजीनियर सीनियर स्टॉफ को प्रशिक्षित किया जाता है ताकि वे अपने अंतर्गत कार्यरत श्रमिकों को प्रशिक्षित कर सकें ।
- अनुकम्पा नियुक्तियॉंः- मॉयल लिमिटेड कम्पनी द्वारा मृतक श्रमिक के एवज में उनके परिवार के एक व्यक्ति को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जाती है ।
- प्रमोशन सुविधाः- अधिकारियों को प्रति तीन वर्ष में प्रमोट किया जाता है । कर्मचारियों को प्रति 10 वर्ष में प्रमोट किया जाता है । पी.आर. कामगारों को भी प्रति 10 वर्ष में प्रमोट किया जाता है साथ ही टाइम बॉन्ड प्रमोशन शिक्षित श्रमिक को प्रतिवर्ष दिया जाता है ।
- केंटीन सुविधाः- केंटीन सुविधा के अंतर्गत चाय, नाश्ता, नमकीन श्रमिकों के कार्यस्थल पर पहुॅंचाकर प्रदान किया जाता है ।
- विश्राम गृह की सुविधाः- विभिन्न विभागों से आये हुये अधिकारियों, मेहमानों, सरकारी जजमानों को रहने-खाने की सुविधा प्रदान की जाती है ।
- कार्यस्थल पर विश्राम/छाव की व्यवस्थाः- श्रमिकों द्वारा किये जा रहे कार्यस्थल पर शेड बनाकर/आर.सी.सी. के भवनों का निर्माण कर विश्राम/छाव, शुद्ध हवा, पेयजल प्रदान किया जाता है तथा महिला एवं पुरूषों के लिए अलग-अलग टॉयलेट व्यवस्था प्रदान की जाती है ।
- कार्यस्थल पर हवादार वातावरण की सुविधा एवं वाहन पार्किंग व्यवस्थाः- कार्यस्थल पर हवादार वातावरण बनाया रखा जाता है तथा श्रमिकों के वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था प्रदान की जाती है ।
- हिंदुस्तान कापर परियोजना